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Before Buying Second Hand Car: सेकेंड हैंड कार खरीद रहे हैं तो इन पांच स्तरों पर गाड़ी का जांच जरूर करा लें. कहीं ऐसा न हो कि आपके साथ धोखा हो और लाखों का चूना लग जाए.

सेकंड हैंड कार
हाइलाइट्स
- सेकंड हैंड कार खरीदते समय दस्तावेजों की जांच करें.
- कार का सर्विस रिकॉर्ड और तकनीकी निरीक्षण जरूर करवाएं.
- कार पर दोबारा पेंट किया गया हो तो सावधान रहें.
Before Buying Second Hand Car: हर किसी का सपना होता है कि उनके पास खुद की कार हो, लेकिन कई बार आर्थिक समस्याओं के कारण लोग नई कार नहीं खरीद पाते. ऐसे में सेकंड हैंड कार एक अच्छा विकल्प बन जाती है. यही वजह है कि इन दिनों खीरी जिले में सेकंड हैंड कारों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, सेकंड हैंड कार खरीदते समय सावधानी रखना जरूरी है, क्योंकि जरा सी लापरवाही से लाखों रुपए का नुकसान हो सकता है. इसी विषय पर लोकल 18 की टीम ने कार मिस्त्री साबिद अली से खास बातचीत की.
डॉक्यूमेंट्स की जांच जरूरी
सेकंड हैंड कार खरीदते समय सबसे जरूरी है कि गाड़ी के सभी दस्तावेज अच्छी तरह से जांच लें. इसके अलावा, कार का सर्विस रिकॉर्ड, रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस भी अच्छे से चेक करें. रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर होने के बाद यह सुनिश्चित करें कि इंश्योरेंस आपके नाम पर हो, क्योंकि अगर आरसी आपके नाम पर है लेकिन इंश्योरेंस पुराने मालिक के नाम पर है, तो पॉलिसी कैंसिल हो सकती है.
पिछला रिकॉर्ड निकलवाएं
किसी भी सेकंड हैंड कार को खरीदने से पहले उसका पूरा सर्विस रिकॉर्ड चेक करना जरूरी है. साथ ही, कार का तकनीकी निरीक्षण भी करवाना चाहिए. कई बार कार बेचने वाले मीटर के साथ छेड़छाड़ कर देते हैं, जिससे ग्राहक कार के वास्तविक माइलेज का अंदाजा नहीं लगा पाते. इसका खामियाजा बाद में इंजन खराब होने पर लाखों रुपए खर्च करके भुगतना पड़ सकता है.
एक्सीडेंटल कार बेच देते हैं
कार मिस्त्री साबिद अली बताते हैं कि कई बार एक्सीडेंट के बाद कार को सही कराकर फिर से पेंट कर दिया जाता है और बेचा जाता है. ऐसे में सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले यह जरूर जांच लें कि कार पर दोबारा पेंट तो नहीं किया गया है.
कार डीलर अक्सर इंजन को चमका कर रखते हैं और ग्राहक के सामने उसकी खूबियां बताते हैं, लेकिन कार खरीदने से पहले किसी अनुभवी मिस्त्री से मिलकर इंजन की जांच जरूर करवा लें. इससे भविष्य में होने वाले संभावित खर्च से बचा जा सकता है.
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